Chapter 5 of Hindi Subject ( स्पर्श ) of Class 9 is धर्म की आड . NCERT Solutions for Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 धर्म की आड are provided on this page.
( स्पर्श ) Class 9 Hindi Chapter 5 – धर्म की आड
Chapter 5 of Class 9 Hindi ( स्पर्श ) NCERT Text book is “धर्म की आड“. The end exercise of this chapter consists of a total of 20 questions. The writer of this chapter is “गणेशशंकर विद्यार्थी ( 1890 – 1931) “.
Chapter 5 : धर्म की आड
Subject | Hindi ( स्पर्श ) |
Class | 9 |
Chapter | Chapter 5 : धर्म की आड Author : गणेशशंकर विद्यार्थी |
Study Material | NCERT Solutions ( End Exercise ) |
Total Questions | मौखिक – 5 Questions लिखित ( क ) – 6 Questions लिखित ( ख ) – 5 Questions लिखित ( ग ) – 4 Questions Total – 20 Questions |
Text Book | NCERT Text Book ( Updated Syllabus) – Hindi ( स्पर्श ) |
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 धर्म की आड [ NCERT Solutions ]
लिखित ( क ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25 – 30 ) शब्दों में लिखिए
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 1 :
चलते-पुरजे लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?
Answer : चलते-पुरजे लोग अर्थात चालाक लोग धर्म की आड़ में अनेक गलत कार्य करते हैं तथा अपने स्वार्थ की सिद्धि करते हैं। धर्म के नाम पर वे लोगों में दंगे फसाद करवाते हैं।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 2 :
चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते हैं?
Answer : ज पूरे भारत में कुछ चालाक लोग धर्म और इमान के नाम पर गरीब साधारण लोग का फायदा उठा रहे हैं । चालाक लोग साधारण आदमियों का उनके धर्म के प्रति भावना का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि साधारण मनुष्य को धर्म के बारे में कुछ नहीं पता तथा वे धर्म के नाम पर जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 3 :
आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?
Answer : आने वाला समय चालाक और स्वार्थी लोगों के उस धर्म को नहीं टिकने देगा जिसमें वे पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं या 2 घंटे पूजा पाठ करते हैं तथा उसके बाद गलत काम करते हैं तथा साधारण लोगों को लूटते हैं ।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 4 :
कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?
Answer : हम सबको अपनी इच्छा के अनुसार धर्म मानने का हक है यदि कोई मनुष्य किसी दूसरे मनुष्य की हक को छीनता है या अपनी शक्ति को दर्शाता है तो इसे देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 5 :
पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?
Answer : पाश्चात्य देशों में गरीब अपनी मेहनत से रोटी कमाते हैं परंतु धनी लोग गरीबों का खून चूस कर उन से काम करवाते हैं। धनी लोग ऊंची-ऊंची इमारतों में रहते हैं परंतु गरीब लोग अपनी छोटी-छोटी झोपड़ियों में रहते हैं।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( क ) Question 6 :
कौन-से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?
Answer : जो लोग नास्तिक हैं परंतु किसी का बुरा नहीं सोचते वह लोग धार्मिक लोगों (जो दूसरों को लूटते हैं )उनसे अधिक अच्छे हैं। ईश्वर भी उन्हीं लोगों को प्रेम करता है जो दूसरे से प्रेम करता है।
लिखित ( ख ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 50 – 60 ) शब्दों में लिखिए
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ख ) Question 1 :
धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को कैसे रोका जा सकता है?
Answer : धर्म और इमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने के लिए हमें साहस और दृढ़ता दिखानी होगी। हमें उन लोगों से बचना होगा जो अपने राजनैतिक और आर्थिक फायदों के लिए गरीबों और साधारण लोगों को लड़ जाते हैं । हमें धर्माचार्य और मौलवियों के पाखंडो से बचना होगा ।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ख ) Question 2 :
‘बुद्धि पर मार’ के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं?
Answer : पश्चिमी देशों की तरह हमारे देश में पूंजी पतियों का राज नहीं है। पश्चिमी देशों में तो अमीरों द्वारा गरीबों का खून चूसा जाता है लेकिन हमारे देश में तो लोगों की बुद्धि भ्रष्ट की जाती है। यहां कुछ स्वार्थी तत्व अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए स्वयं को ईश्वर तुल्य घोषित करते हैं तथा बाद में उन्हें धर्म और इमान के नाम पर लड़वाते तथा लूटते हैं।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ख ) Question 3 :
लेखक की दृष्टि में धर्म की भावना कैसे होनी चाहिए?
Answer : लेखक के अनुसार जिसका जैसा मन करे वह उस धर्म को मानने तथा किसी और को दूसरे के धर्म में बाधा नहीं बनना चाहिए । तथा अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। हमें वही धर्म को अपनाना चाहिए जो हमारी आत्मा को संतुष्ट करें। धर्म और इमान-मन का सौदा हो , ईश्वर और आत्मा के बीच का संबंध हो, आत्मा को शुद्ध करने और ऊंचे उठाने का साधन हो ।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ख ) Question 4 :
महात्मा गांधी के धर्म-संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
Answer : महात्मा गांधी सभी धर्मों को समान समझते थे। परंतु मनुष्यता को सर्वोच्च धर्म समझते थे । शुद्ध आचरण और सदाचार ही धर्म के स्पष्ट चिन्ह है । महात्मा जी के अनुसार धर्म का चोला पहन कर दूसरों को धोखा नहीं देना चाहिए। धर्म की संकीर्णता से अच्छा तो बिना धर्म वाला आदमी श्रेष्ठ है जो संबंधों का ख्याल तो रखता है।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ख ) Question 5 :
सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना क्यों आवश्यक है?
Answer : जो लोग सोचते हैं कि घंटों पूजा पाठ करने से या नमाज करने से और फिर लोगों को कष्ट देने से सब का कल्याण होता है तो वे लोग बहुत ही गलत सोचते हैं। सबका कल्याण तो सदाचार और शुद्ध आचरण से ही संभव है।
लिखित ( ग ) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ग ) Question 1 :
उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।
Answer : प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि चालाक लोग साधारण आदमी को धर्म के नाम पर आपस में लड़वाते रहते हैं और स्वयं उसका लाभ उठाते हैं। इस समय साधारण लोगों की केवल इतनी ही गलती होती है कि वह धर्म के बारे में नहीं जानता और बिना सोचे समझे इन चालाक लोगों का अंधानुकरण करता है और वे स्वार्थी लोग अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे रहते हैं ।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ग ) Question 2 :
यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा वेफ नाम पर अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।
Answer : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक बताते हैं विदेशों में अमीर लोग गरीबों का खून चूस कर अपने महलों का निर्माण करते हैं परंतु हमारे यहां धर्म और इमान के नाम पर लोगों की बुद्धि पर पर्दा डालकर उन्हें अपना गुलाम बना लेते हैं। उन्हें बताया जाता है कि उनके द्वारा बताया गया धर्म और इमान ही साधारण लोगों के लिए सर्वोपरि है और उसके लिए लोगों को अपनी जान देने और जान लेने में कोई बुराई नहीं है और वे आपस में ही लड़ते झगड़ते रहते हैं।
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ग ) Question 3 :
अब तो, आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।
Answer : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक चालाक लोगों को सचेत करना चाहते हैं और उन्हें कहते हैं कि आज वह धर्म के नाम पर जो विवाद फैला रहे हैं उसे भविष्य में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जो लोग कई घंटे पूजा पाठ करने के पश्चात अगर कोई गलत काम करेंगे तो उन्हें अच्छा आदमी ने मान कर बुरा ही माना जाएगा।
आने वाले समय में मनुष्यता की कसौटी केवल उसका व्यवहार तथा आचरण ही होगी अर्थात समाज में भाईचारे की भावना से रहने वाले लोगों को ही भला मानस समझा जाएगा और विराम चिन्ह
Dharm Ki Aad Class 9 Hindi Chapter 5 लिखित ( ग ) Question 4 :
तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके , मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो!
Answer : लेखक प्रस्तुत पंक्तियों के द्वारा आशा प्रकट करते हुए कहते हैं कि वह व्यक्ति अधिक अच्छे हैं जो धर्म के नाम पर दूसरों को कष्ट नहीं पहुंचाते। ईश्वर उन लोगों को प्यार नहीं करता जो पूजा पाठ में समय व्यर्थ करते हैं और अन्य प्राणियों को कष्ट पहुंचाते हैं ।
ईश्वर कहता है कि चाहे मेरी भक्ति करो या ना करो परंतु दूसरों पर दया करो और मनुष्य का सम्मान करो। एक दूसरे को मूर्ख बनाकर उन्हें लूटना छोड़ दो और पशु बनने की बजाय अच्छा इंसान बनो ।